जम्मू। जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील किश्तवाड़ जिले में बृहस्पतिवार को बीजेपी के प्रदेश सचिव अनिल परिहार और उनके भाई की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद से इलाके में कर्फ्यू लगा दिया और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना बुलाई गई है। प्रशासन ने एहतियातन चेनानी घाटी के किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिले में इंटरनेट पर रोक लगा दी है और जम्मू रीजन के बाकी जिलों में भी सेवा को 2जी तक सीमित कर दिया गया है।बीजेपी के प्रदेश सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजीत किश्तवाड़ में अपनी दुकान से घर लौट रहे थे, तभी रास्ते में आतंकवादियों ने उनपर गोलियां चला दीं। दोनों भाइयों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बीजेपी नेता और उनके भाई की हत्या पर दुख और हैरानी जताते हुए कहा कि अपराधियों को कानून के हवाले करने में पुलिस कोई कसर नहीं छोड़ेगी।अपने एक ट्वीट में राजनाथ ने कहा, जम्मू-कश्मीर प्रदेश बीजेपी नेता अनिल परिहार और उनके भाई की हत्या से स्तब्ध एवं दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं शोकसंतप्त परिवार के साथ हैं। गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार के. विजय कुमार से बात कर हालात का जायजा लिया। इससे पहले, जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों द्वारा प्रदर्शन किए जाने के बाद कर्फ्यू लगा दिया था। कर्फ्यू लगाने का आदेश जिला अधिकारी ए. एस. राणा ने दिया। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी परिहार की मौत पर दुख जताया है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि किश्तवार में आतंकवादियों द्वारा जम्मू-कश्मीर के बीजेपी सचिव अनिल परिहार और और उनके भाई की हत्या की दुखद खबर मिली। यह एक भयावह कृत्य है जो मानवता को शर्मिंदा करता है। मैं अपने मूल्यवान सहयोगी की मौत पर दुख व्यक्त करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि भगवान इस असामयिक हानि को सहन करने के लिए उनके परिवार को शक्ति दे। वहीं परिहार की मौत पर नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी ट्विटर पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उमर ने घटना के बाद ट्वीट करते हुए लिखा, यह एक बुरी खबर है। मेरी संवेदनाएं अनिल और अजीत परिहार के परिवार और उनके साथियों के साथ है। ईश्वर दोनों ही मृतकों की आत्मा को शांति दे। साथ ही सीपीएम विधायक एम. वाई. तारीगामी, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने भी हत्या की निंदा की।बीजेपी नेता की हत्या के बाद स्थानीय निवासियों द्वारा प्रदर्शन किए जाने और पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई किए जाने के कारण जिले में तनाव बढ़ गया था, इसलिए अधिकारियों को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी करनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि हालात बिगडऩे के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना बुलाई गई है।
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